Wednesday, February 6, 2008

जो कर सकती है वह स्त्रियां ही कर सकती है ।

भारतीये समाज मे जितना भी पतन हो रहा हैं या हो चूका है उसके लिये स्त्री , उसकी सोच , उसके वस्त्र , उसकी नौकरी , उसके विचार जिमेदार है । कल हम गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं पर हमारी मानसिकता आज भी वाही है जो ६० साल पहले थी । आज भी लोगो की सोच मे स्त्री को एडजस्ट करना होगा अपने आचार विचार को पुरुष के biological disorder के साथ । और अगर वह ऐसा नहीं करेगी तो वह समाज मे सुरक्षित नहीं है । नैतिकता का जीमा स्त्री का हैं क्योकि पुरुष बेचारे को तो इश्वर ने biological disorder के साथ पैदा किया हैं । वह बेचारा तो कहीं भी स्त्री को देखता है तो यौनाकर्षण का शिकार हो जाता है । स्त्री की तस्वीर देख कर ही यौनाकर्षण का शिकार पुरुष क्या कर सकता है । जो कर सकती है वह स्त्रियां ही कर सकती है , ताकि और biological disorder वाले प्राणी पैदा ही ना हों .

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